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सरायपाली में मोदी की सुनामी... कांग्रेस में अंतर्कलह ! किसे उठाना पड़ेगा नुकसान ?

छत्तीसगढ़ में हुए विगत विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद अब कांग्रेस पार्टी को सरायपाली में अपने ही पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अंतर्कलह का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी में प्रवेश कर रहे हैं.

गत विधानसभा चुनाव में जहाँ कांग्रेस प्रत्याशी चातुरी नंद ने भाजपा प्रत्याशी सरला कोशरिया को भारी मतों से परास्त किया था, जिसके बाद सरायपाली विधानसभा में कांग्रेस मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही थी. लागातार दो बार इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को भारी मतों से जीत हासिल हुई. लेकिन अब मोदी लहर के सामने सब फीकी नजर आ रही है.

वर्त्तमान में हो रहे में लोकसभा चुनाव में बीजेपी का पलड़ा भारी होता नजर आ रहा है.  यहाँ तो मानो मोदी की लहर नहीं सुनामी चल रही है, कांग्रेस के कार्यकर्ता ही अपनी पार्टी के चुने विधायक पर भ्रष्टाचार और कार्यशैली का प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे हैं. लागातार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर रही कांग्रेस पार्टी अब मुश्किल में जाती हुई नजर आ रही है.

मुद्दे और लक्ष्य से भटक चुकी कांग्रेस पार्टी अब लोगों से लुभावने वादे कर सत्ता हासिल करना चाहती है, लेकिन लोग कांग्रेस के लुभावने वादे पर कहीं भी भरोषा करते नजर नहीं आ रहे हैं. महिलाओं को कांग्रेस के 8 हजार रूपए से मोदी के 1 हजार रुपये पर ज्यादा भरोसा है.

कांग्रेस महिलाओं को 1 लाख प्रतिवर्ष देने का वादा तो कर रही है, लेकिन इस वायदे को लोग पचाते नजर नहीं आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि जो सरकार लोगों को बेरोजगारी भत्ता 2500 रुपये प्रतिमाह का वादा कर सही तरीके से नहीं दे पाई, जहाँ हर गाँव में भूपेश सरकार गोबर खरीदती और भुगतान भी करती थी, लेकिन उस गाँव में गोबर बेचने वाला कोई नहीं होता था. जिस सरकार ने गाय के नाम पर ही भ्रष्टाचार किये हो उस पर भरोसा कैसे किया जा सकता है.

लोगों का यह भी मानना है कि बीजेपी की सरकार में प्रदेश को विकास कि जो रफ्तार मिली थी, वह कांग्रेस सरकार में कहीं ज्यादा पिछड़ गई. केवल बीजेपी ही राज्य और देश दोनों के विकास की वह रफ्तार दे सकती है. जो मिलनी चाहिए.




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