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पट्टा बनाकर लोन दिलाने वाले शिक्षाकर्मी व तहसील ऑफिस का भृत समेत सरगना गिरफ्तार.

गाँव से आये भोले भाले जरूरतमंद किसानो को भाप कर बैंक से लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले अंतराजीय स्तर के सरगना पुलिस के गिरफ़्त मे

पिथौरा पुलिस में अंगीता यादव की शिकायत पर फर्जीवाड़ा का बड़ा खुलाशा करते हुए पुलिस ने 7 लोगों को हिरासत में लिया है. जिनके पास से भारी मात्रा में फर्जी ऋण पुस्तिका सहित विभिन्न बैंकों के सील,  तहसीलदार, पटवारी का सील आदि जप्त किया गया है.

पुलिस ने बताया कि ये आरोपी फर्जी ऋण पुस्तिका बनाकर विभिन्न बैंकों से के.सी.सी लोन दिलाने का फर्जी कारोबार विगत सात वर्षों से चला रहे थे. जिनमे उत्तम मजुमदार, ग्रीसम बीसी, संजय राव काटे, मलय कुमार यादव, सुभाष चक्रधारी, दीनबंधु पटेल और घासीराम प्रजापति का नाम शामिल है. जिनके विरुद्ध 420, 467, 468, 471, 120-B के तहत अपराध पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया है.

प्रार्थी महिला ने बताया था कि  उत्तम मजुमदार अपने आप को राजस्व विभाग का कर्मचारी बता कर ज़मीन का पट्टा बनाने के लिए अप्रैल 2018 मे 20000 रुपया लिया था, पट्टा बनाकर नहीं देने पर रूपये वापस मांगने पर रुपया वापस करने से इंकार करता था. शिकायत के आधार पर महिला से पट्टा बनाने के नाम पर  बीस हजार रूपये लेने व पट्टा के लिए घूमने की शिकायत पर ज़ब जांच की गयी तब जाँच में  ऐसे मामले सामने आये की पुलिस के होश उड़ गए. 

ग्राम मेमरडीही प्रार्थिया अंकिता यादव की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार करने पहुंची टी आई कमला पुषाम व उनकी टीम घर मे दबिश दे कर जाँच की गयी तो घर से तहसीलदार, पटवारी राजस्व अधिकारियो समेत नगर के प्रमुख बैंको की सील मोहर व अन्य कागजाद बरामद कीया गया, कड़ाई से पूछताछ करने के बाद आरोपी द्वारा अन्य व्यक्तियों के भी शामिल होने की बात कबूली है जिसमे एक शिक्षाकर्मी दीनबंधु पटेल तहसील आफिस की भृत घासीराम प्रजापति, ग्रीसम बीसी निवासी रामपुर संजय राव काटे, मलय कुमार यादव साकिन झलप सुभास चक्रधारी बेलडिहि शामिल है सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है. 

पुलिस की द्वारा बताया गया है की सरगना का मास्टरमाइंड उत्तम मजूमदार है यह गैंग 2012 से सक्रिय है जो आस पास के गांवो मे जाकर लोन व पट्टा बनवाने के नाम पर ठगी करते है, राजस्व विभाग मे पदस्त आरोपी कर्मचारी भृत द्वारा सरगना के मुखिया उत्तम मजूमदार को पट्टा बनवाने आये गाँव के भोले भाले ग्रामीणों का पता लगा कर सुचना देता था जिसके बाद उत्तम व उसकी टीम ज़मीन का पट्टा तैयार कर अधिकारिओ का सील मोहर लगा कर बैंको से लोन दिलवाने का कार्य करते थे. ये आरोपी फर्जी ऋण पुस्तिका बनाकर विभिन्न बैंकों से के.सी.सी लोन दिलाने का फर्जी कारोबार विगत सात वर्षों से चला रहे थे. जिनमे उत्तम मजुमदार, ग्रीसम बीसी, संजय राव काटे, मलय कुमार यादव, सुभाष चक्रधारी, दीनबंधु पटेल और घासीराम प्रजापति का नाम शामिल है. जिनके विरुद्ध 420, 467, 468, 471, 120-B के तहत अपराध पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया है.    

उत्तम कुमार उसके अलावा गांव के लोगों से के.सी.सी. निकलवा दूंगा बोलकर भी रूपये लेकर धोखाधड़ी किया करता था. जिसपर पुलिस ने महिला के आवेदन पर अपराध धारा 420 ता.हि. का अपराध घटित करना पाये जाने से आरोपी उत्तम कुमार मजुमदार के विरूद्ध अपराध सदर कायम किया था.




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