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दक्षिण भारत में पानी की गंभीर किल्लत, जलाशयों का स्तर 15 प्रतिशत तक गिरा: सीडब्ल्यूसी

दक्षिण भारत पानी की गंभीर किल्लत से जूझ रहा है क्योंकि जलाशयों का स्तर 15 प्रतिशत तक गिर गया है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार दक्षिणी क्षेत्र में जलाशयों में कुल भंडारण क्षमता केवल 15 प्रतिशत रह गई है और इस वर्ष भंडारण क्षमता पिछले 10 वर्ष की इसी अवधि के औसत से कम है। सीडब्ल्यूसी के विश्लेषण से यह भी संकेत मिलता है कि भंडारण स्तर में सप्ताह-दर-सप्ताह कमी हो रही है, जिससे न केवल दक्षिणी क्षेत्र बल्कि पूरे देश पर असर पड़ रहा है।

दक्षिणी क्षेत्र की जलाशय क्षमता पिछले बृहस्पतिवार तक 16 प्रतिशत थी। सीडब्ल्यूसी के बुलेटिन में कहा गया है कि दक्षिणी क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है और जलाशयों में कुल जल भंडारण क्षमता केवल 15 प्रतिशत ही रह गई है। सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल भंडारण का स्तर पिछले साल की इसी अवधि के दस साल के औसत से कम है।

राष्ट्रीय स्तर पर जिन 150 जलाशयों की निगरानी की गई उनमें कुल भंडारण क्षमता 178.784 अरब घन मीटर (बीसीएम) है, जो देशभर में अनुमानित 257.812 बीसीएम का लगभग 69.35 प्रतिशत है। चालू वर्ष के दौरान जल भंडारण पूरे देश में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कम है, जबकि उत्तरी, पूर्वी दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र में यह इसी अवधि के दौरान पिछले 10 वर्ष के औसत भंडारण से कम है।

नौ मई को जारी किये गये जलाशय भंडारण बुलेटिन के अनुसार दक्षिणी क्षेत्र, जिसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं, की कुल भंडारण क्षमता 53.334 बीसीएम है। इसके अनुसार इन जलाशयों में उपलब्ध भंडारण 7.921 बीसीएम है, जो उनकी कुल क्षमता का केवल 15 प्रतिशत है। उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं। उत्तरी क्षेत्र में सीडब्ल्यूसी की निगरानी में 10 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 19.663 बीसीएम है। बुलेटिन में इन जलाशयों में उपलब्ध मौजूदा भंडारण की मात्रा 5.759 बीसीएम बताई गई है, जो कुल भंडारण क्षमता का 29 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान, भंडारण 37 प्रतिशत था, और 10 साल का औसत भंडारण 33 प्रतिशत था।

इसी तरह, असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैंड और बिहार सहित पूर्वी क्षेत्र में 23 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 20.430 बीसीएम है। बुलेटिन के अनुसार इन जलाशयों में उपलब्ध भंडारण वर्तमान में 6.952 बीसीएम है, जो कुल भंडारण क्षमता का 34 प्रतिशत है। इसके अनुसार गुजरात और महाराष्ट्र समेत पश्चिमी क्षेत्र की कुल भंडारण क्षमता 37.130 बीसीएम है। बुलेटिन के अनुसार इन जलाशयों में उपलब्ध भंडारण 10.339 बीसीएम है, जो कुल भंडारण क्षमता का 28 प्रतिशत है।

मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। इस क्षेत्र में सीडब्ल्यूसी की निगरानी में 26 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 48.227 बीसीएम है।




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