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कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट से हटाई गई PM मोदी की तस्वीर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताई वजह...

कोविशील्ड को लेकर पिछले कई दिनों से एक बहस छिड़ी हुई, जब से कंपनी ने कोविशील्ड से होने वाले ब्लड क्लोट्स के खबरे के बारे में बताया है तभी से ये बहस का मुद्दा बना हुआ है।जैसा कि आस सब ने देखा होगी कि सभी कोविशील्ड और कोविन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगी थी, लेकिन अचानक इस तस्वीर को कोविन सर्टिफिकेट से हटा दिया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को हटाकर कोविड-19 टीकाकरण के लिए CoWIN सर्टिफिकेट में एक बदलाव किया है। पहले, इन सर्टिफिकेट में प्रमुखता से मोदी की तस्वीरें लगाई गईं, जिसमें कोरोनोवायरस पर विजय पाने का नारा लिखा था। अब अचानक से इससे पीएम की तस्वीर को हटा देने से कई सवाल खड़े हो गए हैं।

हालांकि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि मौजूदा लोकसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के कारण तस्वीर को वैक्सीन सर्टिफिकेट से हटा दिया गया था।

हालांकि, ये पहला मौका नहीं है, जब पीएम मोदी की तस्वीर को कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से हटाया गया है. 2022 में गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रधानमंत्री की तस्वीर सर्टिफिकेट से हटा दी गई थी. चुनाव आयोगी की तरफ से ऐसा करने का निर्देश दिया गया था. पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर चर्चा ऐसे समय पर हो रही है, जब कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर विवाद चल रहा है.

वैक्सीन निर्माता एस्ट्राजेनेका ने कहा है इसकी वैक्सीन से साइड इफैक्ट हो सकते हैं. ब्रिटेन में चल रहे एक केस के दौरान एस्ट्राजेनेका ने इस बात को कबूल किया कि उसकी वैक्सीन से खून के थक्के जम सकते हैं. एस्ट्राजेनेका के फॉर्मूले पर ही भारत में कोविशील्ड वैक्सीन बनाई गई थी.




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