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पूरक के लिए भरे थे आवेदन, पास होने पर फीस वापसी के लिए लगा रहे हैं चक्कर

सरायपाली. पं. रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय से संबंधित महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने विगत 2018-19 की मुख्य परीक्षा दी थी. जिसमें बीए, बीएससी, बीकॉम आदि के कई छात्र फेल, पूरक एवं कुछ छात्र-छात्राओं के अंक कम आने से वे पुनर्मूल्यांकन एवं पुनर्गणना करवाए थे. लेकिन पुनर्मूल्यांकन का परिणाम आने के पूर्व पूरक परीक्षा का अंतिम दिवस होने के कारण अधिकांश छात्र-छात्राओं ने पूरक का परीक्षा फार्म भी भर दिया था. लेकिन पुनर्मूल्यांकन में पास होने पर अब वे पूरक परीक्षा फार्म की फीस को वापस पाने- के लिए महाविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.

जानकारी अनुसार पूरक परीक्षा के लिए आॅनलाईन आवेदन की अंतिम तिथि 23 सितम्बर थी एवं पूरक परीक्षा 30 सितम्बर से होना था. पूरक परीक्षा फार्म भरने के अंतिम दिवस तक पुर्नमुल्यांकन का रिजल्ट नहीं आया था, जिसके चलते अधिकांश पूरक के विद्यार्थी पूरक परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आनलाईन आवेदन कर चुके थे. अंतिम दिवस बाद परीक्षा एवं पूरक फार्म भरने की तिथि में भी संशोधन हो गया. इस बीच कई छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम पुनर्मुल्यांकन के रिजल्ट आने के बाद बदल गया और कई लोग पास भी हो गए.

लेकिन उनके द्वारा भरे गए पूरक परीक्षा फीस पास होने के बावजूद भी वापस करने किसी तरह का विकल्प नहीं होने से वे अब महाविद्याय तथा विश्व विद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. पुनर्मुल्यांकन रिजल्ट के बाद पास हुए छात्र-छात्राओं की समस्या कम नहीं हुई है. परीक्षा दिवस तक उनके द्वारा महाविद्यालय को सूचना नहीं दिए जाने से पूरक में अनुपस्थित उल्लेख कर विश्व विद्यालय भेजा जा रहा है. विश्व विद्यालय की गलती का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.

एक ओर विश्व विद्यालय द्वारा ही पुनर्मुल्यांकन में पूरक से पास का रिजल्ट घोषित किया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर विद्यार्थियों द्वारा भरे गए पूरक परीक्षा में अनुपस्थित भी दर्शाया जा रहा है.

अगर कोई विद्यार्थी पुनर्मुल्यांकन में पास हो गए हैं और पूरक का भी फार्म भर चुके हैं तो उन्हें पूरक में अनुपस्थित का भी रिजल्ट मिल सकता है. पूरक परीक्षा के लिए भरे विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा की फीस एवं उनके परीक्षा परिणाम में अनुपस्थित होने का भी डर सता रहा है.

विश्व विद्यालय द्वारा जारी किए गए परीक्षा परिणाम में जिन्होने पूरक आने पर पुनर्मुल्यांकन व पुनर्गणना का फार्म भरे थे और पास हो गए हैं तो उनका स्वतरू ही पूरक की सूची से नाम एवं रोल नंबर हट जाना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. जिसके कारण स्व. राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह शासकीय महाविद्यालय में दर्जनों विद्यार्थियों ने पूरक परीक्षा से नाम व रोल नंबर विलोपित करने के लिए पुनरू केन्द्राध्यक्ष से मार्क करवाकर महाविद्यालय में आवेदन जमा कर रहे हैं.




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