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परमाणु ऊर्जा विभाग ने डॉ. विक्रम साराभाई के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर पूर्वावलोकन कार्यक्रम आयोजित किया

परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग ने डॉ. विक्रम साराभाई के वर्ष भर चलने वाले जन्‍म शताब्‍दी समारोह के तहत मुंबई में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया है जिसकी शुरुआत आज यानी 17 अक्‍टूबर, 2019 से हो गई। यह परमाणु ऊर्जा विभाग में डॉ. विक्रम साराभाई के बहुमूल्‍य योगदान को स्‍मरण करने के उद्देश्‍य से एक पूर्वावलोकन कार्यक्रम था।

डॉ. साराभाई की अनेक समकालीन हस्तियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। डॉ. कस्तूरीरंगन, (पूर्व चेयरमैन, इसरो), डॉ. एम. आर. श्रीनिवासन, (पूर्व अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग एवं सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग), श्री सुरेंद्र शर्मा (पूर्व मुख्य कार्यकारी, हेवी वाटर बोर्ड) जैसे दिग्गज इस अवसर पर उपस्थित थे और इस दौरान परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की विभिन्‍न गतिविधियों के लिए डॉ. साराभाई के अनगिनत योगदानों पर प्रकाश डाला गया। परमाणु अनुसंधान के लिए इंदिरा गांधी सेंटर की स्‍थापना, परमाणु ऊर्जा केंद्रों को बढ़ावा देना, डीएई में महत्‍वपूर्ण संगठनों जैसे हेवी वाटर बोर्ड, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स और वैरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर की स्‍थापना इन योगदानों में शामिल हैं। डॉ. साराभाई के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले अनेक गणमान्य व्‍यक्तियों ने उनके साथ अपने जुड़ाव की यादें ताजा कीं।

इस कार्यक्रम के बाद 18 अक्‍टूबर को बच्‍चों के साथ संवाद का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम मुंबई के विभिन्‍न स्‍कूलों से आमंत्रित बच्‍चों को समर्पित है। विज्ञान प्रश्नोत्तरी और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं एवं भाषणों के अलावा परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष विज्ञान पर प्रमुख व्‍याख्‍यान इस दिन के मुख्‍य आकर्षण हैं।

परमाणु ऊर्जा विभाग की विभिन्‍न यूनिटों में अगस्‍त, 2020 तक पूर्वावलोकन के बाद इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले डॉ. विक्रम साराभाई का जन्‍म 12 अगस्‍त, 1919 को अहमदाबाद में हुआ था। अंतरिक्ष विभाग के लिए डॉ. साराभाई के बहुमूल्‍य योगदान सर्वविदित हैं। हालांकि, परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्‍यक्ष के रूप में परमाणु ऊर्जा विभाग के लिए उनके योगदान समान रूप से अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण हैं।





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