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बागबाहरा : 50 प्रतिशत सब्सिडी की चाहत ने HDFC बैंक कर्मचारी को लगवाया 1 लाख 70 हजार रुपये का चुना.

बागबाहरा के HDFC बैंक में पदस्थ एक कर्मचारी को 50 प्रतिशत सब्सिडी की चाहत ने 1 लाख 70 हजार रुपये का चुना लगवा लिया. आरोपी ने बड़े ही शातिर तरीके से खुद को कृषि विभाग का कर्मचारी बताते हुए इस कारनामे को अंजाम दिया. इसके बाद खुद के साथ धोखाधड़ी का ऐहसास होने पर प्रार्थी पुलिस के पास पहुंचा जहाँ उसने एक मोबाइल नंबर व IDFC बैंक के खाता नंबर के आधार पर आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज करवाया है.

मिली जानकारी के अनुसार 5 अप्रैल को प्रार्थी प्रकाश कुर्रे पिता कमल कुर्रे जो कि HDFC बैंक बागबाहरा में CRE के पद पर कार्यरत है. उसे सुबह करीब 11:43 मिनट पर मिसकॉल किया.

मिसकॉल आने के बाद प्रकाश ने अपने मोबाईन नंबर से 11:44 मिनट में वापस उस नंबर पर कॉल किया. जहाँ सामने वाला व्यक्ति उसे अपना नाम अकाश पाण्डेय कृषि विभाग एवं बीज निगम विभाग में कार्यरत कर्मचारी हुँ बताते हुए, कहा कि मई रायपुर के ऑफिस में बैठता हूँ आपके पास ग्राम पंचायत मोंगरापाली सरपंच का मोबाईल नंबर या फिर संसद जी का मोबाईल नंबर मिल सकता है क्या ? जिस पर प्रकाश ने मेरे पास नंबर नहीं है कहते हुए सामने वाले से क्या काम है पूछ लिया.

फ़ोन पर खुद को कृषि विभाग का कर्मचारी बताने वाले आकाश पाण्डेय ने प्रार्थी प्रकाश को बताया कि 12 अप्रैल को महासमुन्द में सब्सिडी वाले ट्रैक्टर बाँटना है जिसमें सांसद जी अपने पहचान वाले है, जिसको देना है उसके बारे में बतायेगें और एक मुर्गी फार्म का लोन भी है जिसे हमारे विभाग कृषि एवं बीज निगम विभाग द्वारा देना है, और ऐसा कहते हुए उसने कहा कि अगर आपके पास जमीन होगा तो आपको लोन दे देगें.

जिसपर प्रार्थी ने मेरे पास नहीं है मेरे घर में है. इसके बाद आरोपी लगातार बोलने लगा की सर आपको दे देते है 50 प्रतिशत सब्सिडी है और बहोत जिद करने लगा. और फिर दोनों के बीच लोन के संबंध में लगातार बात हुआ.

प्रार्थी ने बताया कि आरोपी ने उसे 1 लाख रूपये 50 प्रतिशत सब्सिडी वाले मुर्गी फार्म लोन और ट्रैक्टर लोन के लिए 80000 के लिए मांग किया, जिसके झांसे में आकर वह 5 अप्रैल को 20000 रूपये फोन पे के माध्यम से और 6 अप्रैल को फोन पे के माध्यम से 50000 रूपये तथा इण्डियन ओवरसीज बैंक से RTGS कर 1 लाख रुपये भेजा दिया.

कुल 1 लाख 70 हजार रूपये लेने के बाद आरोपी लोन के संबंध में 8 अप्रैल तक बात करता रहा और इस उम्मीद में था कि उसे कोई और शिकार मिल जाए. जिसके चलते वह प्रार्थी की और ग्राहक दो करके बोलने लगा.जिसपर प्रार्थी ने मेरा काम होने और आपसे मिलने के बाद बाकी और ग्राहक देगें. और इसके बाद आपका लोन स्थागित हो गया कहकर शाम को 06:25 मिनट में आरोपी ने मोबाईल बंद कर दिया.

उसके बाद से प्रार्थी प्रकाश उस कर्मचारी को फोन लगाता रहा लेकिन अब तब उसका मोबाईल नंबर बंद बता रहा है. इसके बाद प्रार्थी की वित्तीय ठगी का ऐहसास हुआ और पुलिस ने इस पुरे मामले की शिकायत की. मामले में शिकायत प्राप्त होने के बाद पुलिस ने आरोपी पर धारा 420-IPC पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है.




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