news-details

बसना : किसानों को पता नहीं उनके नाम है 4 करोड़ का कर्ज.

पिथौरा ब्लॉक के जिला सहकारी बैंक मर्यादित बैंक शाखा पिरदा अंतर्गत सहकारी समिति जाड़ामुड़ा के धान खरीदी केन्द्र में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है।

पहले फर्जी तरीके से 2 करोड़ की धान खरीदी मामले में किसानों की ऋण पुस्तिका देखे बिना पंजीयन रकबा में रकबा जोड़कर धान खरीद कर अनुचित लाभ अर्जित कर शासन को आर्थिक नुकसान का मामला हाल के एक दो वर्ष में आया था।

अब फिर 36 किसानों से लगभग 45 सौ पैकेट 1800 क्विंटल 3 करोड़ 92 लाख 9 हजार 4 सौ रू. का धान खरीद कर उनके खाते में नहीं चढ़ाने के मामले के बाद अब और एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जिसमें जाड़ामुड़ा समिति के तत्कालीन प्रबंधक उमेश भोई (वर्तमान में फरार) ने खाद के नाम पर लाखों रुपये के फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया है।

जाड़ामुड़ा सहकारी समिति के तत्कालीन प्रबंधक उमेश भोई ने समिति के लगभग 100-150 किसानों को बिना जानकारी दिए उनके नाम पर लाखों रुपये के खाद का ऋण चढ़ाकर रुपये निकाल लिया है। किसानों द्वारा शपथ पत्र देकर कह रहे कि उन्होंने खाद के लिए समिति से ऋण नहीं लिया है। किसान बिना ऋण लिए ही कर्जदार बन गए हैं।

जाड़ामुड़ा सहकारी समिति के किसान घनश्याम नायक पिता फागुलाल नायक ने अपने शपथ पत्र में लिखा है कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति जाड़ामुड़ा का नियमित किसान हैं। मेरे द्वारा खरीफ वर्ष 2023-24 में समिति से जाड़ामुड़ा में केसीसी ऋण लिया गया था। पूर्व समिति प्रबंधक द्वारा 19,320 रुपये का खाद बीज का फर्जी परमिट काटकर समायोजन कर दिया गया है। जिसमें मेरे द्वारा हस्ताक्षर नहीं किया गया है और न ही किसान धनादेश मेरे द्वारा दिया गया है, जिसका राशि आज तक जमा नहीं हुआ है। जिसके समर्थन में यह शपथ पत्र निष्पादित करने की आवश्यकता हुई है।

जानकारी के अनुसार सैंकड़ों किसानो के नाम पर फर्जी ऋण निकाले गए हैं, अब पीड़ित किसान फर्जीवाड़ा करने वाले समिति प्रबंधक पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.




अन्य सम्बंधित खबरें